आवव मोर गाँव मा
बालोद जिला के डौंडीलोहारा ब्लाक मा मुख्यालय ले तीन किलोमीटर पश्चिम में बुड़ती डाहर जग परसिध खरखरा मोहदीपाट बाँध के तीर मा गाँव धनगांव बसे हे। साढ़े चार सौ के छानी वाले गाँव मा कच्चा अउ पक्का घर हे जेहा दू हजार ले जादा जनसंख्या के अबादी मा पसरे हे।गाँव के बीचोबीच खरखरा नहर आठोकाल बारो महिना गंगा बरोबर बोहावत हे।
*धनगांव के नामकरन*
सियानन मन बताथे कि धनगांव के नाँव धनगांव काबर परिस कहिके।पहिली धनगांव मा भगवान अउ गाँव के देवधामी के आशीर्वाद ले अन्नधन के भंडार अड़बड़ राहय ।धन धान्य के कमती नंइ होय।सबोबर धन के पूरती होवत रिहिस हे। तेकर सेती धनगांव नाँव पड़िस।
*बिकटराव बाबा*
गाँव के मड़ियाकट्टा बाट मा गाँव के बांध घलो हे जेखर नाँव धनगांव झरझरा बांध हे।जेकर गाँव के सबले बड़का मानता देवता बिकटराव के धाम हे। बिकटराव बाबा सबके आस ल पुरोवत आज पूरा गाँव ल अपन आशीर्वाद ले समरीध करत आवत हे। गाँव मा आठोकाल बारोमहिना इतवार के दिन इतवारी तिहार मानथे ए दिन पूरा काम धाम बंद रथे।
*शीतला मंदिर*
सब गाँव मा एकठन शीतला मंदिर हे फेर धनगाँव मा दू ठन शीतला मंदिर हे एकठन गाँव भीतरी अउ एकठन गाँव ले एक किलोमीटर के दूरी मा। जिंहा नवरात मा जोत जँवारा के माध्यम ले माता जी ला मनाथे।माता ह घलो अपन भगत मनके आस ला पूरा करथे ।ठाकुर देव,सियार देवता भुमियार देवता अउ जम्मो मानता देवता के आशीर्वाद ले गाँव ह सुख समरीध हे।
*हनुमान मंदिर*
गाँव के बीच गली मा सांस्कृतिक कला मंच करा रामभक्त हनुमान के मंदिर हे।जिहा पुजारी बाबा ह गाँव वाला के सहयोग ले पूजा पाठ आज तकले करत आवत हे।गाँव के सुख दुख के बात ,गाँव के सारजनिक बैठका इही मंदिर के सम्हेरा मा करे जाथे।
*शिव मंदिर*
गाँव के बीचो बीच बोहावत खरखरा नहर के पार मा आजू बाजू दूठन शिवमंदिर हे जिंहा हर शिवरात्रि मा पूजा पाठ करके गाँव के जम्मो नर नारी भाई बहिनी मन अपन मनोकामना ला पूरा करथे।
*साँहड़ा देव*
गाँव मा दू ठन गौठान हे।जिंहा लगभग 700 गाय बछरू बइला ह सकलाथे। एखर रकछा करे खातिर गौठान मा साँहड़ादेव बिराजे हे ।राऊत मन जेकर पूजा पाठ करके गौधन ला बढ़ाय बर ।कोनो अलहन के सामना करेबर मत पड़े कहिके मनोकामना करथे।अउ आशीर्वाद लेथे।
*मातर मढ़ई*
देवारी तिहार लक्ष्मी पूजा गोवर्धन पूजा के बिहान भाई दूज के दिन पूरा गाँव भर के मन मिलके मातर मढ़ई मनाथे।गाँव के सब देवता मनके पूजा पाठ करके गौठान मा गाय बछरू ला खिचरी भात खवाथे। एखर आनंद ले बर दूर दराज के गाँव के मनखे मन देखेबर भारी संख्या मा सकलाथे।सब झन ला परसादी घलो बाँटे जाथे।अउ रातकुन सबझन के स्वस्थ मनरंजन बर नाचा के आयोजन घलो करे जाथे।
ए परकार ले धनगांव के सब नारी लइका सियान जवान मितान मन सुख दुख सहिके एक दूसर ला सहयोग करत गाँव के संस्कृति अउ परंपरा ला मानत हे।
लेख:-
तोषण कुमार चुरेन्द्र
धनगांव डौंडी लोहारा
बालोद छत्तीसगढ़