हमर संविधान
भारत माता के दुलरू बेटा
लिखदे हावस तँय संविधान।
शोषित पीड़ित दलित जन बर
करदे हावस करम महान।
ऊँच नीच के खँचवा पाटे
तँय हा बताये सब हे समान।
तोर लेखनी ला कोटि नमन हे
हावस तँय हा भारत के शान।
आज दिवस हे संविधान के
आवन सबझन करन सम्मान।
दिन बड़ शुभ हे आज के भइय्या
जानत हावय सगरो जहान।
गीता बरोबर पाक हावय
जेमा सबके लिखे अधिकार।
धन्य धन्य हे भारत पूत ला
करदिस हे जग ला उजियार।
तोषण चुरेन्द्र दिनकर
धनगांव डौंडी लोहारा