*एक एक पग बढ़ाते चलेंगे*
राम का राज आएगा फिर से कि,
धीरज धार बनाए चलो सब।
स्वप्न अधूरा होगा नहीं बाँधव,
नींव डलेगी अवधपुर में अब।
गाँव जगा है समाज जगा है,
जगा है जहाँ सकल जग सारा।
राम निवास बनायेंगे मिलकर हम,
पुनित यह सौभाग्य हमारा।
गिद्धराज जटायु को तारे
बेर जूठे शबरी के खाए।
लाज रखे मिताई की प्रभु ने
सुग्रीव को है राज दिलाए।
बन गिलहरी सब कर्म करेंगे,
सेवक भक्त हनुमान दुलारे।
रहे सदा निज धाम सदा जो,
राम लखन के पुर रखवारे।
चौदह बरस बनवास खटे हैं,
मर्यादा का ज्ञान है बाँटे।
कंकड़ पत्थर राह चले नित,
फिक्र नहीं किये चुभते काँटे।
आज मिला है ठाँव प्रभु को,
धन्य मनाएँ देश के वासी।
मानों लगता सारा चमन ये,
हर घर मथुरा हर घर काशी।
नल नील बनकर तोषण दिनकर,
नींव की ईंट चढ़ाने लगे हैं।
जय रघुनंदन जय दुखभंजन,
राम सियावर गाने लगे है।
आओ संतो मिलकर हम सब,
एक एक ईंट उठाते चलेंगे।
रामनिवास बने अतिसुंदर,
एक एक पग बढाते चलेंगे।
कृति
तोषण कुमार चुरेन्द्र 'दिनकर'
(सरपंच)
धनगाँव डौंडीलोहारा
बालोद छत्तीसगढ़
6267538036