खवइय्या के नंइहे कमती
मंहगा सामान बेचावत हे।
मंहगाई मा देखना समारू
इतरा इतरा के खावत हे।
सागपान घलो मंहगा होगे
तेल फूल के होगे हे रोना।
यहा कइसन दिन हा आगे
सबला होगे हे पदोना।
मंजन होगे पंदरा रुपिया
घुटका हर सात होगे।
बिडी माचीस रुपिया बीस
फूँक फूँक पियय लोगे।
दार नून ह नंगते मंहगा
काला खाना बचाना।
काम धाम के दऊहा निही
बंद होगे आना जाना।
दिनो दिन लाकडाऊन हा
कोलिहा ठगे कस बाढ़त हे।
टीका मास्क लगावत तभो
कोरोना रोग नंइ माढ़त हे।
हाल कमइय्या हाल खवइय्या
करम ल अपन ठठावत हे।
का करबे समय अलकरहा
ढकेल जिनगी पहावत हे।
बैंक ले पइसा निकलत निही
कइसे करही किसान हा।
बेरा कुबेरा पानी गिरत हे
करा म पिटागे गा धान हा।
अर्जी हे भगवान ले मोरो
अच्छा दिन तँय लादे।
सुख मा चले सबके जिनगी
नवा अंजोर बगरादे।
तोषण चुरेन्द्र
धनगांव