राखि लेबे राखी के लाज भैय्या मोर
माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर
सरदी अउ गरमी संग हावय तोर मितानी
चाहे सावन महिना बरसय झम के पानी
उवत बुड़त बेरा मा लामे रहय शोर...
माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर...
महतारी अउ बेटी के लाज तँय बचइय्या
करगिल के चोटी मा तीन रंगा के लहरइय्या
मिले आशीष तोला सबन के पुरजोर...
माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर...
तोषण चुरेन्द्र
धनगांव डौंडी लोहारा